उलझन।
December 04, 2019
उन किस्सों को खत्म कर ,
उन बातों की उलझने खत्म कर ,
क्या मिला उन बातों को बोल कर,
आज भी उसी दर्द में जी रहा है तू!
प्यार की नाकामयाबी को भुला,
जिंदगी की उलझनों को सुलझा।
चल एक नई शुरुआत करते है,
ज़िंदगी के कठिन रास्तों पर एक साथ चलते हैं।
चल इस दोस्ती को मिसाल बनाकर नए रास्तों को खोजने निकलते है।
चल एक साथ चलते हैं।
चल एक साथ चलते हैं।
-प्रशांत
Written by Prashant Pandey Follow me on Twitter